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योग और प्रेक्षाध्यान की कार्यशाला : जयपुर

ज्ञानशाला के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि श्री उदित कुमार जी के पावन सानिध्य में अणुव्रत समिति जयपुर द्वारा आयोजित योग एवं प्रेक्षाध्यान कार्यशाला में अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित विशिष्ट जनों की रही गरिमामयी उपस्थिति
14 अप्रैल 2019, जयपुुु, JTN, अणुव्रत समिति, जयपुर द्वारा योग और प्रेक्षाध्यान की तृतीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्घाटन सत्र ज्ञानशाला के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि श्री उदित कुमार जी के पावन सानिध्य में आयोजित किया गया।
अणुव्रत समिति की बहनों और जयपुर केंद्र के जीवन विज्ञान और योग के विद्यार्थियों द्वारा अणुव्रत गीत के संगान किया गया। 300 से अधिक प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए अणुव्रत समिति, जयपुर की अध्यक्ष रीना गोयल ने कार्यशाला की रूपरेखा और सत्रों की व्यवस्था से सभी को अवगत कराया। योग और प्रेक्षाध्यान जीवन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है और इसका नियमित अभ्यास मानव को स्वस्थ और आध्यात्मिक जगत की और अग्रसित करता है।

मुनिश्री उदित कुमार जी ने यह उद्गार व्यक्त करते हुए सभी को नियमित प्रेक्षाध्यान का अभ्यास करने की सलाह दी। 

मुनिश्री पुलकित कुमार जी ने प्रेक्षाध्यान  के माध्यम से अनासक्ति बढ़ाए जाने के तरीकों से अवगत कराया। 

समण सिद्धप्रज्ञ जी ने दिन प्रतिदिन ध्यान किए जाने की आवश्यकता की जानकारी दी।

अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक संचेती ने सफल कार्यशाला आयोजित किए जाने के लिए अणुव्रत समिति जयपुर की सराहना करते हुए देश की अन्य अणुव्रत समितियों द्वारा भी अणुव्रत के क्रियात्मक पक्ष योग और प्रेक्षाध्यान पर कार्य करने की प्रबल आवश्यकता बताई। 
जैन विश्व भारती संस्थान लाडनूं के पत्राचार माध्यम से योग में स्नातकोत्तर कर रहे जयपुर केंद्र के विद्यार्थियों द्वारा णमोकार मंत्र पर योग प्रदर्शन किया गया। उद्घाटन सत्र का संयोजन समिति की मंत्री नेहा नागोरी द्वारा किया गया।
योग सत्र में सूरत से आई अणुव्रत प्रचेता और प्रेक्षा प्रशिक्षिका अलका सांखला ने दिन प्रतिदिन किये जाने वाले योगों की जानकारी दी। रोहतक विश्वविद्यालय की सहायक आचार्या डॉ निर्मला भास्कर ने योग के उद्भव और विकास से सभी को अवगत कराया। जैन विश्व भारती संस्थान के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के डायरेक्टर डॉक्टर आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने योग के प्रभाव और उनको किए जाने से होने वाले लाभों से सभी को अवगत कराते हुए यह भी बताया कि विशेष लाभ प्राप्ति के लिए योग का प्रारंभ प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक के निर्देशों में किया जाना चाहिए।
अणुव्रत महासमिति द्वारा निर्देशित प्रकल्प चुनाव शुद्धि के क्रम में विद्यार्थियों द्वारा चुनाव शुद्धि विषयक लघु नाटिका का मंचन किया गया।
सत्र के दौरान 1 मिनट में 108 बार नौली क्रिया कर तथा शलभासन में 858 बार अप डाउन कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दो बार नाम दर्ज कराने वाले दीपक कुमावत ने नौली क्रिया का प्रदर्शन कर और शलभासन मैं अप डाउन कर सभी को आश्चर्य चकित कर दिया। राजेंद्र कुमार और रश्मिका जैन द्वारा प्रस्तुत विशिष्ट आसनों ने दांतो तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। 


विशेष योग  प्रदर्शकों को  *राजस्थान के वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी और मुख्यमंत्री के प्रमुख शासन सचिव  कुलदीप जी राका* द्वारा  सम्मानित किया गया । योग सत्र का संयोजन डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ लोंग लर्निंग की सहायक आचार्य सुश्री पूजा साहू द्वारा किया गया।
मोटिवेशनल सत्र में नवोदित मोटिवेशनल स्पीकर शिवालिका गोयल की जागरूकता से व्यक्तित्व विकास संभव विषयक मोटिवेशनल स्पीच सभी के लिए प्रेरणास्पद रही। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के दौरान महासमिति के सहमंत्री उमेंद्र गोयल और जयपुर अणुव्रत समिति की अध्यक्ष रीना गोयल द्वारा सहभागियों से प्रश्न पूछकर सही उत्तर देने वाले सहभागियो को पुरस्कृत कराया गया मुद्रा सत्र में जैन विश्व भारती संस्थान के सहायक आचार्य डॉ अशोक भास्कर द्वारा पंच महाभूतो की विशेषताओं और उनके अंगुलियों में स्थानों की जानकारी तथा अंगुलियां और अंगुष्ठ के संयोजन से बनने वाली मुद्राओं के बारे में बताते हुए विशिष्ट मुद्राओं से होने वाले लाभों की जानकारी भी दी गई।







ध्यान सत्र के प्रारम्भ में दिल्ली से आए  विमल गुणेचा ने ध्यान और प्रेक्षाध्यान  में विभेद करते हुए प्रेक्षाध्यान की विशेषताओं से अवगत कराया।
दिल्ली की राज गुनेचा ने  प्रतिदिन ध्यान किए जाने का  तरीका और समय की उपलब्धता के अनुसार लघु या वृहत  ध्यान किए जाने की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए सभी सहयोगियों को ध्यान का अभ्यास भी कराया। सत्र के अंत में कन्या भ्रूण हत्या की मानसिकता को परिवर्तित करने  का संदेश देने वाली नाटिका का मंचन किया गया। ध्यान सत्र का संयोजन सुश्री मोनाली बरुआ द्वारा किया गया।
लाफिंग सत्र में लाफिंग एक्सपर्ट पूजा शर्मा और रक्षा दाधीच ने हंसी के विभिन्न तरीकों का जीवंत प्रदर्शन करते हुए सभी को पेट दबा कर हंसने पर मजबूर कर दिया।



राजस्थान सरकार की पर्यावरण सचिव  और  भारतीय वन सेवा की वरिष्ठ अधिकारी  सुश्री शिखा मेहरा को अणुव्रत महासमिति के  राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक संचेती तथा महामंत्री राकेश नाहटा द्वारा पौधा भेट कर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देते हुए सम्मानित किया गया। अणुव्रत समिति जयपुर के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा कुसुम द्वारा योग और प्रेक्षाध्यान का व्यापक प्रचार और प्रसार करने की आवश्यकता बताई गई।
कार्यशाला में आए हुए अतिथियों का आभार समिति की कोषाध्यक्ष अनामिका जी जैन द्वारा ज्ञापित किया गया। कार्यशाला में समिति के संरक्षक श्री जी.एल. नाहर, वार्ड संख्या 53 के पार्षद श्री अशोक गर्ग,  समिति के परामर्शक श्री पन्नालाल पुगलिया, श्रीअविनाश नाहर, श्री पंचशील जैन, अणुविभा जयपुर केंद्र के मंत्री श्री आलोक हीरावत के साथ ही अणुव्रत समिति, जयपुर की कार्य समिति के सदस्यों ने भी शिरकत की ।
कार्यशाला का समापन मुनि श्री उदित कुमार जी द्वारा मंगल पाठ से किया गया। अणुव्रत समिति, जयपुर द्वारा कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों  को पर्यावरण शुद्धि के लिए एक-एक पौधा भी भेंट किया गया

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