शांतिदूत के स्वागत में नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित
सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति से जीवन मे आये अच्छाई : आचार्य महाश्रमण
19-11-2019, मंगलवार, मैसूर, कर्नाटक
कर्नाटक राज्य का प्रसिद्ध शहर मैसूर। चंदन नगरी, महलों की नगरी से प्रसिद्ध जहां विश्व प्रसिद्ध वृंदावन गार्डन है जहां जगत प्रसिद्ध दशहरा उत्सव मनाया जाता है। महादेवी चामुंडेश्वरी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। इस ऐतिहासिक नगर मैसूर में शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी का पावन पदार्पण हुआ। पुज्यप्रवर लगभग 12 किलोमीटर का विहार कर श्रीरंगपटना से जेएसएस मेडिकल कॉलेज में पधारे। कॉलेज के प्रमुख जगद्गुरु श्री शिवराज देशी केंद्रा महास्वामी जी एवं कनक गिरी मठ के स्वस्तिक भट्ठारक भुवनकीर्ति जी ने आचार्य श्री महाश्रमण का भावभरा स्वागत अभिनंदन किया।
यहाँ आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में विशाल जनमेदिनी को प्रेरणा प्रदान कराते हुए पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी ने फरमाया कि आदमी के जीवन में अहिंसा, संयम और तप है तो मानना चाहिए उसके जीवन में धर्म है। हम जैन धर्म जुड़े हैं। 24 तीर्थंकरों में अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर लगभग 2600 वर्ष पहले इस धरती पर विराजमान थे। वर्तमान का जैन धर्म भगवान महावीर से संबंधित है इसकी दो शाखाएं दिगंबर और श्वेतांबर है। श्वेतांबर मूर्तिपूजक और अमूर्तिपूजक है। हम अमूर्तिपूजक जैन श्वेतांबर तेरापंथ संप्रदाय से हैं।
आचार्यवर ने आगे फरमाया कि तेरापंथ यानी हे प्रभो यह तुम्हारा पंथ है। हम तो पथिक हैं। हमारे पहले गुरु आचार्य भिक्षु थे। उन्हीं की आचार्य परंपरा में नवमें गुरु आचार्य श्री तुलसी 50 वर्ष पहले कर्नाटक पधारे थे। वर्तमान में हम अहिंसा यात्रा कर रहे हैं, जो दिल्ली से 2014 में शुरू हुई थी। विभिन्न देशों व राज्यों से होती हुई कर्नाटक में प्रवर्धमान है। इस यात्रा में तीन बातों का प्रचार प्रसार करके उसके संकल्प लोगों को स्वीकार करा रहे हैं। सभी के जीवन में अच्छाई आए, अहिंसा और मैत्री रहे। आचार्य श्री ने मैसूर वासियों को अहिंसा यात्रा के संकल्प स्वीकार करवाएं।
जगद्गुरु श्री शिवरात्रि देशिकेंद्र महा स्वामी ने पूज्य प्रवर का अभिवादन करते हुए कहा कि महाश्रमण जी अहिंसा यात्रा करते मैसूर आए हैं। अहिंसा से विश्व का कल्याण हो सकता है। स्वागत के क्रम में कनकगिरी मठ के भट्ठारक स्वस्तिक भुवनकीर्ति जी, स्थानीय सभा अध्यक्ष श्री महेंद्र जी नाहर, मूर्तिपूजक समाज से श्री अशोक जी दांतेवड़िया, स्थानकवासी समाज से श्री तेजराज जी नंगावत, दिगंबर समाज से श्री विनोद जी बाकलीवाल, अग्रवाल समाज से डॉक्टर कृष्ण मित्तल, स्वागताध्यक्ष श्री मधुसूदन जी, पूर्व विधायक श्री टोंट भार्या, श्री कैलाश जी देरासरिया ने भावाभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मंडल व तेरापंथ युवक परिषद ने अभिवंदना में प्रस्तुति दी।
जेएसएस मेडिकल कॉलेज पधारने से पूर्व मार्ग में पूज्य प्रवर श्री महावीर हॉस्पिटल एवं वहां स्थित महावीर जैन मंदिर में पधारे।
सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति से जीवन मे आये अच्छाई : आचार्य महाश्रमण
19-11-2019, मंगलवार, मैसूर, कर्नाटक
कर्नाटक राज्य का प्रसिद्ध शहर मैसूर। चंदन नगरी, महलों की नगरी से प्रसिद्ध जहां विश्व प्रसिद्ध वृंदावन गार्डन है जहां जगत प्रसिद्ध दशहरा उत्सव मनाया जाता है। महादेवी चामुंडेश्वरी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। इस ऐतिहासिक नगर मैसूर में शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी का पावन पदार्पण हुआ। पुज्यप्रवर लगभग 12 किलोमीटर का विहार कर श्रीरंगपटना से जेएसएस मेडिकल कॉलेज में पधारे। कॉलेज के प्रमुख जगद्गुरु श्री शिवराज देशी केंद्रा महास्वामी जी एवं कनक गिरी मठ के स्वस्तिक भट्ठारक भुवनकीर्ति जी ने आचार्य श्री महाश्रमण का भावभरा स्वागत अभिनंदन किया।
यहाँ आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में विशाल जनमेदिनी को प्रेरणा प्रदान कराते हुए पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी ने फरमाया कि आदमी के जीवन में अहिंसा, संयम और तप है तो मानना चाहिए उसके जीवन में धर्म है। हम जैन धर्म जुड़े हैं। 24 तीर्थंकरों में अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर लगभग 2600 वर्ष पहले इस धरती पर विराजमान थे। वर्तमान का जैन धर्म भगवान महावीर से संबंधित है इसकी दो शाखाएं दिगंबर और श्वेतांबर है। श्वेतांबर मूर्तिपूजक और अमूर्तिपूजक है। हम अमूर्तिपूजक जैन श्वेतांबर तेरापंथ संप्रदाय से हैं।
आचार्यवर ने आगे फरमाया कि तेरापंथ यानी हे प्रभो यह तुम्हारा पंथ है। हम तो पथिक हैं। हमारे पहले गुरु आचार्य भिक्षु थे। उन्हीं की आचार्य परंपरा में नवमें गुरु आचार्य श्री तुलसी 50 वर्ष पहले कर्नाटक पधारे थे। वर्तमान में हम अहिंसा यात्रा कर रहे हैं, जो दिल्ली से 2014 में शुरू हुई थी। विभिन्न देशों व राज्यों से होती हुई कर्नाटक में प्रवर्धमान है। इस यात्रा में तीन बातों का प्रचार प्रसार करके उसके संकल्प लोगों को स्वीकार करा रहे हैं। सभी के जीवन में अच्छाई आए, अहिंसा और मैत्री रहे। आचार्य श्री ने मैसूर वासियों को अहिंसा यात्रा के संकल्प स्वीकार करवाएं।
जगद्गुरु श्री शिवरात्रि देशिकेंद्र महा स्वामी ने पूज्य प्रवर का अभिवादन करते हुए कहा कि महाश्रमण जी अहिंसा यात्रा करते मैसूर आए हैं। अहिंसा से विश्व का कल्याण हो सकता है। स्वागत के क्रम में कनकगिरी मठ के भट्ठारक स्वस्तिक भुवनकीर्ति जी, स्थानीय सभा अध्यक्ष श्री महेंद्र जी नाहर, मूर्तिपूजक समाज से श्री अशोक जी दांतेवड़िया, स्थानकवासी समाज से श्री तेजराज जी नंगावत, दिगंबर समाज से श्री विनोद जी बाकलीवाल, अग्रवाल समाज से डॉक्टर कृष्ण मित्तल, स्वागताध्यक्ष श्री मधुसूदन जी, पूर्व विधायक श्री टोंट भार्या, श्री कैलाश जी देरासरिया ने भावाभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मंडल व तेरापंथ युवक परिषद ने अभिवंदना में प्रस्तुति दी।
जेएसएस मेडिकल कॉलेज पधारने से पूर्व मार्ग में पूज्य प्रवर श्री महावीर हॉस्पिटल एवं वहां स्थित महावीर जैन मंदिर में पधारे।
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