शक्कर नगरी मंड्या में शांतिदूत का मंगल पदार्पण
भव्य जुलूस के साथ मंड्यावासियों ने किया अहिंसा यात्रा का स्वागत
17-11-2019, रविवार , मंड्या, कर्नाटक
सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति के संदेशों से कर्नाटक की भूमि पर शांति का संदेश फैलाते हुए अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमण जी का आज मांडव ऋषि के प्रख्यात, शक्कर नगरी मंड्या में मंगल पदार्पण हुआ। वर्षों से अपने आराध्य का अपनी नगरी में स्वागत करने को लालायित मंड्यावासियों ने भव्य जुलूस के साथ शांतिदूत का अभिनंदन किया। पूज्य प्रवर आचार्य श्री महाश्रमण जी ने जुलूस के दौरान तेरापंथ भवन, वर्धमान जैन स्थानकवासी भवन एवं भगवान सुमितनाथ मंदिर के उपाश्रय में पधारकर मंगल पाठ व आशीर्वाद प्रदान किया। लगभग 10.5 किलोमीटर का विहार कर आचार्यवर का पी.ई.एस. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में मंगल पदार्पण हुआ।
यहां आयोजित अभिनंदन समारोह में पावन उद्बोधन देते हुए आचार्य श्री महाश्रमण जी ने कहा कि हमारे जीवन में प्रमाणिकता का महत्वपूर्ण स्थान है। कोई व्यक्ति धर्म को माने या न माने, ईश्वर को माने या ना माने परंतु प्रमाणिकता सबके लिए अच्छी है। आस्तिक हो या नास्तिक इमानदारी के पथ पर चलना सबको चाहिए। इससे वर्तमान और अगला भव दोनों सुधारते हैं। आचार्य श्री ने आगे कहा कि गृहस्थ के लिए पैसा महत्वपूर्ण संपत्ति है। व्यक्ति ईमानदारी को भी संपत्ति माने उसकी रक्षा करें। किसी भी परिस्थिति में अप्रमाणिकता को न अपनाएं। इमानदारी का पालन करने से हमारा जीवन कल्याणकारी बन सकेगा। यह मानव जीवन बीत रहा है इसको व्यर्थ ना गवाएं। क्षण मात्र भी प्रमाद न करके समय का सदुपयोग करने का प्रयास करें।
मंड्या पदार्पण पर शांतिदूत ने फरमाया कि मैं आज पहली बार मंड्या आया हूं। 50 वर्ष पूर्व आचार्य श्री तुलसी यहां पधारे थे। मंड्या श्रद्धा का क्षेत्र है। यहां के जैन समाज में अच्छे धार्मिक आराधना चलती रहे सभी धर्म-ध्यान में आगे बढ़े।
अभिवंदना की कड़ी में तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल के सदस्यों ने गीतिकाओं का संगान किया। तेरापंथ कन्या मंडल की बहनों ने गीत की प्रस्तुति के साथ संकल्पों की भेंट आचार्य श्री को अर्पण की। तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री प्रकाश भंसाली, वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ के अध्यक्ष श्री मनोहर गांधी, मूर्तिपूजक समाज से फुटरमल जैन, पी.ई.टी. ट्रस्ट के अध्यक्ष एच.डी. चौडैया (पूर्व एमएलए) ने विचारों की अभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला के बच्चों ने सुंदर प्रस्तुति दी एवं प्रेरणा ट्रस्ट के प्रज्ञाचक्षु बच्चों ने नमस्कार महामंत्र का पाठ किया।
कार्यक्रम में "शासनश्री" साध्वी अशोकजी की स्मृति सभा का आयोजन हुआ। गत 14 नवंबर 2019 को दिल्ली में चोविहार संथारे में साध्वीश्री जी का देवलोक गमन हुआ था। साध्वीश्री जी की आत्मा के प्रति आचार्यवर ने मंगलकामना व्यक्त की। साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभा जी ने उनके संस्मरण सुनाएं। प्रवचन सभा में उनकी स्मृति में 4 लोगस्स का ध्यान किया गया। दिल्ली सभा अध्यक्ष श्री तेजकरण सुराणा ने भी अपने विचार रखे।
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