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व्यक्ति व्यस्त भले हो जाए परंतु दिमाग अस्त-व्यस्त ना हो - आचार्य महाश्रमण

29-01-2020, बुधवार, हुब्बल्ली, कर्नाटक, हुब्बल्ली शहर को अपनी पावन वाणी से समय का सदुपयोग करने की प्रेरणा प्रदान करते हुए शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण जी ने कहा कि हमारी सृष्टि में समय एक ऐसा तत्व है जो सबको समान रूप से प्राप्त होता है। क्षेत्र और काल के बिना कोई कार्य नहीं हो सकता। समय ऐसा तत्व है जो फ्री में सभी को प्राप्त होता है परंतु इसका हम कैसा उपयोग करते हैं यह विचारणीय है। तीन चीजें हैं- सदुपयोग, दुरुपयोग एवं अनुपयोग। हम समय का दुरुपयोग तो करे ही नहीं अपितु सदुपयोग कर समय को सार्थक करें। उपरोक्त उद्बोधन परम पूज्य गुरुदेव ने संस्कार स्कूल परिसर में आयोजित प्रवचन सभा में प्रदान किया।
आचार्यवर ने आगे कहा कि हम प्रतिदिन आत्मावलोकन करें। आज के दिन मैंने क्या सुकृत किया। गृहस्थ व्यापार करते हैं। कुछ समय धर्म में भी लगाना चाहिए। 24 घंटों में 60 घड़ियां होती है। 58 घड़ी कर्म की तो 2 घड़ी धर्म में भी व्यक्ति लगाएं। एक सामायिक प्रतिदिन हो जाए तो उससे आत्मा को भी खुराक प्राप्त हो जाती है। नाश्ता, भोजन जैसे शरीर का पोषण करते हैं हम आत्मा का भी धर्म से पोषण करें। आत्मा को भूले नहीं, व्यक्ति व्यस्त भले हो जाए परंतु दिमाग अस्त-व्यस्त ना हो। शरीर नश्वर है, यह आत्मा ही स्थाई है, आगे जाने वाली है। इसे भूले नहीं और समय को सार्थक करने का प्रयास करें।                                    
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वीआरएल ग्रुप ऑफ कंपनीज के डायरेक्टर 'पद्मश्री' डॉ. विजय शंखेश्वर जी ने पूज्यवर का अभिनंदन करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव व्यवस्था समिति के अध्यक्ष सोहनलाल कोठारी ने स्वागत वक्तव्य दिया। व्यवस्था समिति सलाहकार महेंद्र सिंघी ने अतिथियों का परिचय दिया। तेरापंथ सभा हुब्बल्ली के ट्रस्टी उमराव सिंह बैद, रमेश चोपड़ा, राजेंद्र पारख, मुन्नालाल पारख, संदीप पालगोता, कन्या मंडल संयोजिका अंकिता श्रीश्रीमाल ने भी विचारों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास की ओर से कैलेंडर का विमोचन किया गया।
दिनांक 30 जनवरी से हुब्बल्ली के संस्कार नगर स्थित बाल संस्कार स्कूल में जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ का अतिविशिष्ट 156 वां मर्यादा महोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम का आगाज होगा। आचार्य श्री महाश्रमण जी की सन्निधि में होने वाले इस महा महोत्सव में देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां सम्मिलित होंगे। प्रथम दिन का मुख्य आकर्षण साधु-साध्वियों के सेवा केंद्रों की घोषणा रहेगा। दूसरा दिन आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी का कार्यक्रम एवं महोत्सव के अंतिम दिन अनेक घोषणाएं आचार्य श्री द्वारा की जाएगी। तीनों दिन मुख्य कार्यक्रम लगभग 12 बजे से प्रारंभ होगा।

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