ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 4 ) दिनांक 23 अप्रैल 2020
श्रृंखला ( 4 ) दिनांक 23 अप्रैल 2020
सब दुख भंजन -भीम
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उष्ण- काल में बहुत बार आतपी- साधना- गर्म शिलापटृ पर लेटकर- आतापना लेते । तत्व ज्ञान के माहिर और बोल थोकड़ों के दक्ष- भीम जी स्वामी ने पूरी आगम बत्तीसी का पारायण किया था । स्वाध्याय के साथ-साथ ध्यान के विविध प्रयोग और जप- योग , उनकी अन्तर साधना थी । उन जैसे सेवाव्रती भी थोड़े ही होते हैं।
" ॐ अर्हम "
महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....
👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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