ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनिश्री अमीचंद जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 9 ) दिनांक 10 अप्रैल 2020
स्वर्गवास के बाद वे जयाचार्य को स्वप्न संकेत देते । जयाचार्य के स्वप्न - संकलन से ऐसा झलकता है। साध्वी पार्वतां जी बताया करती थी - वे जयाचार्य के प्रत्यक्ष थे । जब चाहो हाजर- नाजर उत्तर देते । वे ही तो महाविदेह क्षेत्रीय आचार्य जयजश और दीप गणी से संपर्क सूत्र जोड़ा करते। जयाचार्य श्री लिखते हैं - मेरे मन इच्छित पूरे करने वाले तपस्वी ! तुम्हारी विचारशील आलोचना बहुत गंभीर थी। तुम गुणग्राही महिमावान होने के साथ-साथ दिए वचन के बड़े पाबंद निकले ।
महातपस्वी मुनि श्री अमीचंद जी स्वामी के बारे में श्रीमद् जयाचार्य श्री क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में.........
क्रमश...
👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक
"जय जय जय महाराज" से साभार
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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