ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनिश्री अमीचंद जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 11 ) दिनांक 12 अप्रैल 2020
शुभ लेश्या , चढ़ते भावों में उनकी ऊधर्वारोही आत्मा तीसरे सनत कुमार कल्प में उपेन्द्र के रूप में स्थिर हुई । उस रस -परित्यागी (जिनके जीवन भर- इक्षु उत्पादन से बने सभी मिष्ट- पदार्थों -सेलङी- वस्तुओं का त्याग था ) ने अंतिम आलोवना, आराधना, प्रतिक्रमण कर साधना संपन्न की । उस भावितात्म -अणगार ने अपना वचन निभाया । जयाचार्य के प्रत्यक्ष हुए । अपना परिचय दिया ।
महातपस्वी मुनि श्री अमीचंद जी स्वामी के बारे में श्रीमद् जयाचार्य श्री क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में.........
क्रमश...
👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक
"जय जय जय महाराज" से साभार
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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