ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनिश्री अमीचंद जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला (14) दिनांक 15 अप्रैल 2020
मुनि अमीचंद जी उच्च कोटि के तपस्वी थे । वे आचार क्रिया निपुण , कुशल - व्यवहारी , अपनत्व और सेवा - सहयोग का जीवन जीने वाले थे । उनको याद कर जयाचार्य लिखते हैं - भगवान महावीर के युग में एक धन्ना अणगार हुआ पर यह दूसरा धन्ना इस दु:षम आरे में प्रगट हुआ लगता है । मैं बलिहारी जाता हूँ तपस्वी ! तुम्हारी करणी पर । ऋषियों के ऋषि ! तुम तो हमारे भाग्य से ही जन्मे हो ।
महातपस्वी मुनि श्री अमीचंद जी स्वामी के बारे में श्रीमद् जयाचार्य श्री क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में.........
क्रमश...
👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक
"जय जय जय महाराज" से साभार
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
1 Comments
ओम अर्हम
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