ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 2 ) दिनांक 21 अप्रैल 2020
श्रृंखला ( 2 ) दिनांक 21 अप्रैल 2020
सब दुख भंजन -भीम
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समरण थी सुख संपजै , जाप जप्यां जस भारी हो ।
मन वांछित मनोरथ फलै , भजन करो नर नारी हो ।
वारूं बुद्धि विस्तारी हो । भजो मुनि गुणांरा भंडारी हो ।।
" ओ नर - नारियों ! भीम जी स्वामी का भजन करो । जिनका स्मरण सुख- आनंद देता है । जाप से भारी यश मिलता है । मन इच्छित मनोरथ पूरे होते हैं । जरा बुद्धि- कला -अटकल- चतुराई- युक्ति लगाकर ऐसे गुण -भंडार मुनि का भजन करो ।"
" ॐ अर्हम "
महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....
👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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