ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 6 ) दिनांक 25 अप्रैल 2020
श्रृंखला ( 6 ) दिनांक 25 अप्रैल 2020
सब दुख भंजन -भीम
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अ .सी .आ .उ. सा. का सदा जाप करते । निरतिचार चर्या और अभिग्रह तप तपते । पंच परमेष्ठी के कोटि -जपी साधक भीमजी स्वामी के सौम्य स्वभाव की अमिट- छाप लगी तपस्वी भागचंद जी पर । तपस्वी भीमजी में प्रकृति बदलने की एक अनूठी कला थी । मुनि भागचंद जी उग्र - स्वभावी, बीदासरी - रांगङ , छोटी-छोटी ना कुछ सी बात पर बिगड़ जाते । रूठना उनके लिए क्षण भर का काम था । इसी आवेश - तेश में वे कितनी ही बार संघ छोड़कर चले गए ।
" ॐ अर्हम "
महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....
👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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