ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 8 ) दिनांक 27 अप्रैल 2020
श्रृंखला ( 8 ) दिनांक 27 अप्रैल 2020
सब दुख भंजन -भीम
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तपस्वी भीम जी स्वामी का अलग ही रंग था । व्याख्यान कला, कंठों का सुरीलापन , आगम -धारणा , जनता पर प्रभाव , स्वभाव में माधुर्य , साथी सहयोगी संतों का एकीपन और अवसरज्ञता उनका तंत्र -तिलक था । थली जैसे प्रांत में तेरापंथ की जड़े जमाने में उन्हीं का विशेष योग रहा - जयाचार्य ने भीम विलास 4 -4 में लिखा है -
मत पातसा नो दियो दाट , लोगां नै समझाय नै'
" ॐ अर्हम "
महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....
👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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