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तपस्वी मुनिश्री अमीचंद जी स्वामी जीवन परिचय श्रृंखला 7

ॐ  अ .भी .रा .शि.  को .नमः

तपस्वी मुनिश्री अमीचंद जी स्वामी जीवन  परिचय
श्रृंखला ( 7 ) दिनांक 8 अप्रैल 2020

तपस्वी अमीचंद जी स्वामी ने अभिग्रह लिया । ' जब जीतमल जी स्वामी मुझे  ' मूर्ख  ' कहेंगे तभी पारणा लूंँगा ' । मनाते-  मनाते तीसरा दिन हो गया , न अन्न, न जल । तीसरे दिन , तीसरा प्रहर आ गया पर तपस्वी जी ध्यान ही नहीं खोल रहे थे । जीत मुनि के मुंह से उठते  - उठते निकला - ' मूर्खों के अभिग्रह की भाषा कोई मूर्ख ही समझेगा ' तपस्वी  ! यह कैसी मूर्खता ! और तपस्वी का ध्यान खुल गया ।

 महातपस्वी मुनि श्री अमीचंद जी स्वामी के बारे में श्रीमद् जयाचार्य  श्री क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में.........
क्रमश...

👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक
"जय जय जय महाराज" से साभार

 लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻

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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज

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