ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 12 ) दिनांक 1 मई 2020
श्रृंखला ( 12 ) दिनांक 1 मई 2020
सब दुख भंजन -भीम
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तपस्वी भीम जी को गुरु- मंडल में तथा हेमराज जी स्वामी के पास 12 वर्ष ज्ञानार्जन का अवसर मिला । वि. सं.1881 में उन्हें अग्रगण्य बनाया गया । भीम विलास 1-21 में जयाचार्य श्री ने लिखा है-
' संवत अठारै इक्यासिये , रिषिराय बधायो तोल , टोलो सूंप्यो भीम नै ,आप्या संत अमोल '।
वि. सं. 1881 में आचार्य रिषिराय ने भीम जी स्वामी का तोल -मोल बढ़ाया । मूल्यांकन कर उनको टोला सौंपा- अग्रगण्य बना संतो को वंदना करवायी । संत भी अनमोल अच्छे-अच्छे सौंपे ।
" ॐ अर्हम "
महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....
👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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