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तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय श्रृंखला 22

ॐ  अ .भी .रा .शि.  को .नमः

तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला (22) दिनांक 11 मई 2020

सब  दुख  भंजन -भीम
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जिस समय तपस्वी भागचंद जी ने ( दिव्य देव रूप में ) आचार्य श्री ऋषिराय को डीडवाना में दर्शाव दिया, उस समय युवाचार्य जीत मुनि भी वही डीडवाना में ही थे ।  उन्होंने भी गाया -
'भीम आउखो पूरो कियो, सांभल्यो  पूज महाराज ।
मन मांही करड़ी लागी घणी, भीम हुंतो गुण जिहाज ।।'
'भीम -ऋषि के आयुष्य पूर्ण- देवलोक होने के समाचार पूज्य आचार्य ऋषिराय को बहुत अटपटे ,मन को असुहावने लगे । उनके श्रीमुख से खेद के साथ निकला -तपस्वी भीमजी गुण- भरी जहाज थे ।'

" ॐ अर्हम "

महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....

👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻

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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज

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