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तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय श्रृंखला 25

ॐ  अ .भी .रा .शि.  को .नमः

तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला (25) दिनांक 14 मई 2020

सब  दुख  भंजन -भीम
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वे कह रहे थे -"क्यों जीतू जी ! मैं पहले लाडनूं स्वरूपचंद जी स्वामी की सेवा में गया था न !" उस साक्षात् की कहानी जयाचार्य की जुबानी ही नहीं , लिखित शब्दों में पढ़ना चाहें तो भीम गुण ढा़. 1- 4,3,5 में यों मिलेगी -
'स्वरूपचंद सहोदर भणी, तें दीधो  दीसै छै सम्मान,
 दिव्य रूप देख्यां छतां, हर्ष थयो असमान " ।
 " मुनि वत्सल गुण बालहा,  अल्प भाषी दीसो छो आप ? "
" चेत वद सातम गुण गाविया, अठाणूं संवत अठार ,
अभिलाषा हिव पूरिये म करो जेज लिगार " ।

" ॐ अर्हम "

महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....

👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻

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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज

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