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तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय श्रृंखला 13

ॐ  अ .भी .रा .शि.  को .नमः

तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 13 ) दिनांक 2 मई 2020

सब  दुख  भंजन -भीम
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वे अनेक क्षेत्रों में विचरे ।  अपने अनुभवों का खूब उपयोग किया । तपस्या के साथ-साथ ज्ञान वितरण कर अनेक लोगों को संयम -व्रत- सम्यक्त्व-  बोध देते- देते वे रामगढ़ (शेखावाटी ) पहुंचे ।  उनके परिचय में भीम विलास- 1-15  में लिखा है -

' भीम सरल हिया नो घणो , भीम प्रकृति भदरीक ,
 *कार्य करवा उधमी घणा , सूरपणै साहसीक ।'

"भीम जी स्वामी ह्रदय के सरल , प्रकृति से भद्र , कार्यक्षम , बहुत परिश्रमी ,  साहसिक और शूरवीर- अग्रिम पंक्ति वाले योद्धा थे ।"

" ॐ अर्हम "

महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....

👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻

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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज

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