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तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय श्रृंखला 17

ॐ  अ .भी .रा .शि.  को .नमः

तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 17 ) दिनांक 6 मई 2020

सब  दुख  भंजन -भीम
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संतो ने कहा - तपस्वी ! क्या भोली बात कर रहे हो ? यों कोई जाया जाता है ? तपस्वी बोले- वे बुला रहे हैं रे ! हे !...मैं तो ये चला । ठीक से रहना...। कहते-कहते तपस्वी भागचंद जी ने एक लंबा श्वास खींचा और इच्छा मृत्यु पा ली ।

'भीम ,भागचंद री जोरी , एहवी मिलनी जग में दोरी

 त्यांरी प्रीत न टूटै तोरी, ऋष भागचंद जी ने भीम  री "


 तपस्वी भीम जी स्वामी और भागचंद जी जैसी जोड़ी दुनिया में दूसरी मिलनी कठिन है वह प्रीति तोड़े भी नहीं टूट सकती ।

" ॐ अर्हम "

महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....

👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻

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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज

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