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तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय श्रृंखला 18

ॐ  अ .भी .रा .शि.  को .नमः

तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला ( 18) दिनांक 7 मई 2020

सब  दुख  भंजन -भीम
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यहां नहीं ,वहां भी ये दोनों भाग्यवान वैरागी हैं । जिन्दे ही साथी  नहीं, मरने में भी साथी ।  यहां भी साथी ,वहां भी साथी । उनके मन में शासन सेवा कि आज भी उमंग है । वे चतुर्विध  संघ की साता -सुख शांति चाहते हैं । अपना स्वरूप दिखाते -से, अहसास जताते- लगते हैं । कहते हैं -मैं अकेला नहीं ,औरों को भी साथ लाता हूँ ।  हम च्यार तीर्थ की सुरक्षा सेवा- चाकरी करते हैं । संघ का हम पर एहसान है ।

" ॐ अर्हम "

महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....

👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻

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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज

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