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नेमानन्दन महाश्रमण तुम ऐसे अहिंसा वीर

कर कमलों में थमी हुई है भावी एक तकदीर
युगों युगों तक याद रहेगी ऐसी एक तस्वीर
महावीर की वाणी जितनी धीर- वीर -गम्भीर
नेमानन्दन महाश्रमण तुम ऐसे अहिंसा वीर
तेरापथ की बगिया में खिले नव्य निराले फूल
भिक्षु तुलसी महाप्रज्ञ जैसे हीरे अतोल
महाश्रमण गुरु मुस्काते , बोलें मीठे बोल
विश्वशान्ति का सपना गुरुवर की आँखों में अनमोल
भैक्षव शासन का गौरव शिखरों तक पहुचाये
दिव्यज्योति आभामण्डल में परम शान्ति है लाये
आँच न लगने दे संघ को नैतिकता का पाठ पढ़ाये
नशा मुक्ति का संदेशा घर घर खूब फैलाये
जातिभेद को दूर हटाये विश्व एकता को समझाए
तपते सूरज में चलकर वो अनुशासन की गाथा गाये
महाश्रमण गण उपवन की सौरभ खूब लुटाए
तेरापन्थ की बगिया के एकादशम आचार्य कहलाये
आँच न लगने देवे गुरुवर यही स्वर लहरी सुनाए
जागरूक बन हम भी तेरापंथ की बगिया को महकाएं

महामनस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी 11वे पदाभिषेक  दिवस पर मंगल कामनाएं


JTN प्रतिनिधि श्रीमती अनिता सिंयाल नेरुल

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