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गुरुवाणी


सम्यक पराक्रम करना भी तप है। सम्यक पुरुषार्थ से व्यक्ति अक्षय को प्राप्त कर सकता है। क्षायिक सम्यक्त्व, केवलज्ञान, केवलदर्शन व अनंत शक्ति की प्राप्ति अक्षय है। हमारी साधना अक्षय को पाने हेतु हो। - आचार्य श्री महाश्रमण जी

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