ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनि श्री रामसुख जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला (27) दिनांक 16 जून 2020
श्रृंखला (27) दिनांक 16 जून 2020
राम -रसायण रामसुख
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जयाचार्य श्री ने इसे रहस्यमयी ढ़ंग से राम ढा. 6- 7 में अंकित किया है-
वचन तणो तूं सूर उदार , निर्मल बुद्धि तुम उंडी विचार,
याद आयां हीयो हरखंत , तो सम विरला जग में संत ।
वचन तणो तूं सूर उदार , निर्मल बुद्धि तुम उंडी विचार,
याद आयां हीयो हरखंत , तो सम विरला जग में संत ।
वचन संकल्पी ! तपस्वी ! तुम्हारी निर्मल बुद्धि , गंभीर विचारधारा याद आते ही हृदय खुशी से झूम उठता है । तुम्हारे जैसे संसार में विरले ही संत होंगे ।
" ॐ अर्हम "
महातपस्वी मुनि श्री रामसुख जी स्वामी के तपोमय जीवन के बारे में और अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिये ! जीवन परिचय की क्रमबद्ध श्रंखला .......... राम- रसायण रामसुख !
क्रमशः.....
👉🏻शासन समुद्र " एवं "जय जय जय महाराज" पुस्तक से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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