ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनि श्री रामसुख जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला (29) दिनांक 18 जून 2020
श्रृंखला (29) दिनांक 18 जून 2020
राम -रसायण रामसुख
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राम ढ़ा. 4-3 में आता है - मेरा तुम्हारे पर पूरा विश्वास है । तुम्हारी और मेरी प्रीति- मैत्री अटूट है , पूरी है । तुमने जो निर्मल ज्ञान से दो बात कही, मेरे जी में जी आ गया, चित्त प्रसन्न हो गया ।
पूरण तुझ मुझ आसता , पूरण मुझ तुझ प्रीत
विमल वयण उभय वागरया , चित्त आयो मुझ चीत
अगर आप दो शब्द कहो तो चित्त में चैन आये ।
पूरण तुझ मुझ आसता , पूरण मुझ तुझ प्रीत
विमल वयण उभय वागरया , चित्त आयो मुझ चीत
अगर आप दो शब्द कहो तो चित्त में चैन आये ।
" ॐ अर्हम "
महातपस्वी मुनि श्री रामसुख जी स्वामी के तपोमय जीवन के बारे में और अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिये ! जीवन परिचय की क्रमबद्ध श्रंखला .......... राम- रसायण रामसुख !
क्रमशः.....
👉🏻शासन समुद्र " एवं "जय जय जय महाराज" पुस्तक से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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