ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनि श्री रामसुख जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला (17) दिनांक 6 जून 2020
श्रृंखला (17) दिनांक 6 जून 2020
राम -रसायण रामसुख
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विघ्न हरण ढा़ल की 9वीं गाथा में श्रीमद् जयाचार्य श्री ने गाया :-
रामसुख रलियामणो, तेसठ उदक आगारी हो ,
अड़सठ ,पैंतालिस भला , बलि उगणीस चौविहारी हो ,
बड़ तपसी तपधारी हो ,
भजो मुनि गुणां रा भंडारी हो ।।
आनन्ददायी तपस्वी रामसुख जी ने तेसठ (63),अड़सठ (68), पैंतालीस (45) दिन की तपस्या पानी के आधार पर संपन्न की । उगणीस (19) दिन निर्जल तप तपा । वे बड़े तपधारी तपस्वी थे। ऐसे गुण भंडार मुनि का भजन- स्मरण करो ।
" ॐ अर्हम "
महातपस्वी मुनि श्री रामसुख जी स्वामी के तपोमय जीवन के बारे में और अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिये ! जीवन परिचय की क्रमबद्ध श्रंखला .......... राम- रसायण रामसुख !
क्रमशः.....
👉🏻शासन समुद्र " एवं "जय जय जय महाराज" पुस्तक से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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