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तपस्वी मुनि श्री शिव जी स्वामी जीवन परिचय श्रृंखला 14

ॐ  अ .भी .रा .शि.  को .नमः

तपस्वी मुनि श्री शिव जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला (14दिनांक 04 जूलाई


     शिवंकराय -शिव
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मुनिश्री ने अग्रणी होकर मारवाड़ ,मेवाड़, ढूंढाड़, हाडौती ,मालव तथा हरियाणा के क्षेत्रों में विहरण किया। मुनि श्री शिवजी का सं. 1911 का अंतिम चातुर्मास पेटलावद में था । चातुर्मास के पश्चात वे विहार कर झखणावद पधारें ।  वहां मुनिश्री अनोपचंद जी ने छहमासी तप किया । मुनिश्री शिव जी ने भी 8 दिन की तपस्या की । पारणा साथ में ही हुआ । जयाचार्य ने पधार कर मुनिश्री अनोपचंद जी को पारणा कराया । अनेक साधु- साध्वी सम्मिलित हुए । आसपास तथा मेवाड़ के बहुत भाई-बहन दर्शनार्थ आये । चार तीर्थ का मेला सा लग गया ।




             " ॐ अर्हम "


  
 महातपस्वी  मुनि श्री शिव जी स्वामी के तपोमय जीवन के बारे में और अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिए ! जीवन परिचय की क्रमबद्ध श्रंखला.......... शिवंकराय - शिव  क्रमशः.....

👉🏻शासन समुद्र " एवं "जय जय जय महाराज" पुस्तक से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻

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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज

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