जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा ज्ञानशाला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में द्वारा 9 अगस्त 2020 को ज्ञानशाला दिवस देशभर में वर्चुअल जूम एप्प पर ऑनलाइन के माध्यम से मनाया गया।
महासभा के चीफ ट्रस्टी श्री भंवरलाल बैद द्वारा मंगलाचरण से इस कार्यक्रम की शुरुवात की। ज्ञानशाला गीत अर्हम - अर्हम की वंदना" के संगान के पश्चात राष्ट्रीय संयोजक श्री सोहनराज चौपड़ा ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति में भी ज्ञानशाला का उपक्रम सुचारू रूप से चल रहा है इसके लिए प्रशिक्षकों को साधुवाद दिया।
परम श्रद्धेय आचार्य श्री महाश्रमण जी का ज्ञानशाला दिवस पर विशेष उद्बोधन प्राप्त हुआ गुरुदेव ने अपने उद्बोधन में फरमाया कि ज्ञानशाला दिवस वर्ष में 1 दिन ही आता है पर उससे बहुत ही उर्जा मिलती है गुरुदेव ने कहा ज्ञानशाला जहां भी चलती है वहा नियमित क्रम से व सुचारू रूप से चलें जहां ज्ञानशाला नहीं चल रही है वहां भी शुरू करने का प्रयास करें तथा जहां चल रही है वहां बच्चों की संख्या में अभिवृद्धि करें ज्ञानशालाओं की संख्या बढ़े इसका प्रयास करना है , प्रशिक्षण देने वालों की सेवा सराहनीय है वह वे भविष्य की नींव मजबूत कर रहे हैं बाल अवस्था में ही नींव मजबूती का सही समय है । 25 बोल , अष्टकम, प्रतिक्रमण आदि ज्ञान कंठस्थ करवाएं , धर्म की बातें समझाएं और प्रस्तुतिओ के द्वारा छोटी-छोटी बाते समझाए इनसे प्रेरणा मिलती है भावी व्यसनमुक्त , नैतिकता , अहिंसा को अपनाए इसके लिए कहानी सुनायी।
ज्ञानशाला आध्यत्मिक पर्यवेक्षक मुनि उदित कुमार जी का संबोधन प्राप्त हुआ आपने कहा कि - भाद्रपद माह के प्रथम रविवार ज्ञानशाला दिवस मनाया जा रहा है हम गणाधिपति तुलसी के प्रति कृतज्ञ है जिन्होंने भावी पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए ज्ञानशाला का प्रारंभ किया और उनका यही उद्देश्य रहा कि सद्संस्कार वह संस्कारी समाज हो इसी कल्पना को वर्तमान में आचार्य महाश्रमण जी भी अग्रसर कर रहे है । जैसे उस समय भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था उसी प्रकार हम अभिभावकों को भी आलस छोड़कर अपने बच्चों को ज्ञानशाला से जोड़ना है ऐसी कामना की वह सभी कार्यकर्ताओं के प्रति मंगल भावना व्यक्त की ।
ज्ञानशाला आध्यत्मिक सह पर्यवेक्षक मुनि श्री हिमांशु कुमार जी का भी संबोधन प्राप्त हुआ आपने कहा कि - ज्ञानशाला का शुभारंभ हुआ गणाधिपति तुलसी के हाथों से हुआ। इसी क्रम को आचार्य श्री महाश्रमण जी महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दे रहे हैं। साथ ही बड़ी संख्या में ज्ञानशालाए देश भर में चल रही है बच्चों को संस्कारों के महत्व को समझाइए ज्यादा से ज्यादा ज्ञानशाला से जुड़े ऐसी मंगलकामना की।
महासभा के अध्यक्ष श्री सुरेश गोयल ने ज्ञानशाला पाठ्यक्रम के संबंधित जानकारी प्रेषित की पाठ्यक्रम के नवीनीकरण व वर्तमान में ऑनलाइन अध्ययन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रकोष्ठ द्वारा सराहनीय प्रयास है ज्ञानशाला को जो भी सहयोग की अपेक्षा है उसके लिए महासभा सदैव तत्पर रहेगी सेवा दे रहे प्रशिक्षक बहिनों व भाइयो के प्रति साधुवाद दिया।
महामंत्री श्री रमेश सुतरिया ने अपने भावो की अभी व्यक्ति देते हुए कहा कि जो नई तकनीक में जानकारी रखते है उनको इस क्षेत्र में जोड़ा जाए व ज्ञानशाला को ई- लर्निंग के माध्यम से आगे बढ़ाया जाए अभी के वर्तमान परिपेक्ष में इसकी अधिक आवश्यकता है जिन बहनों के पास अनुभवों का खजाना है वे इस क्षेत्र में आगे बढे व नया रूप प्रदान करे इस महत्वपूर्ण उपक्रम में जो प्रशिक्षक बहने व भाई सेवा दे रहे है वे सराहना की पात्र है।
भावो की अभिव्यक्ति -
महासभा के अध्यक्ष श्री सुरेश गोयल, महामंत्री श्री रमेश सुतरिया, महासभा चीफ ट्रस्टी श्री भवरलाल बैद, ज्ञानशाला प्रशिक्षक ट्रेनर श्री डालमचंद नोलखा, केंद्रीय ज्ञानशाला समिति सदस्य सरोज छाजेड़, प्रशिक्षक रितु धोका , भावना नाहटा, नीता गादिया ने अपने विचारों को साझा किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रत्ना कोठारी, सुमन चपलोत, रितु धोका , शीतल सांखला , अभिषेक बैद का पुरा सहयोग मिला।
मनमोहक प्रस्तुतियां -
अहमदाबाद ,लुधियाना (पंजाब) , लंदन , कर्नाटक , मुंबई प्रशिक्षक प्रस्तुति, सिंधनुर , कर्नाटक, सचिन , आमेट, दिल्ली मुंबई, इंदौर, हैदराबाद, जयपुर, चेन्नई, छत्तीसगढ, शेष तमिलनाडु, बेंगलोर, नेपाल, राजस्थान , मारवाड़, कोलकाता , आसाम, नोर्थ बंगाल, इस्लामपुर, हरियाणा पंचकूला आदि अँचल से ज्ञानशाला दिवस पर सुंदर व रोचक प्रशंसनीय प्रस्तुतियां दी गयी । श्रीमती सुमन चपलोत ने कार्यक्रम का सुचारू रूप से सफल संचलान किया । आभार ज्ञापान श्री सुरेंद्र लूणिया ने किया।
विशेष प्रस्तुति -
लंदन ज्ञानशाला द्वारा कंठस्थ ज्ञान की सुंदर और रोचक प्रस्तुति दी संस्कारो के बीजारोपण का यह सराहनीय उपक्रम है । मुम्बई के अनिक आच्छा , हैदराबाद की ज्ञानार्थी खुशी कठोतिया , इंदौर की ज्ञानार्थी अन्वी ने संगीत की सुमधुर प्रस्तुति दी। यह जानकारी श्रीमती अनिता सिंयाल (मुम्बई ) ने दी ।
देश भर में लगभग 525 ज्ञानशालाओ के लगभग 3800 प्रशिक्षको ने अपने श्रम का नियोजन कर ज्ञानशाला के उपक्रम से जुड़कर बच्चों में संस्कारो का बीजारोपण करने के लिए सफल प्रयास कर रही है। इस लॉक डाउन के दौरान भी बच्चों को संस्कारित करने हेतु संस्कारो के बीजों को पल्लवित कर रही प्रशिक्षक वर्ग साधुवाद की पात्र है ।
ज्ञानशाला दिवस के कार्यक्रम में ज़ूम ऐप पर 1000 व फेसबुक के माध्यम से लगभग 19500 व्यूअर्स जुड़े तथा कई स्थानों पर ग्रुप में भी इस कार्य्रकम को निहारा गया ज्ञानशाला दिवस का यह भव्य कार्यक्रम सफलतम रहा।
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