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Muni Shri Pulkit Kumar Ji Awarded PhD Degree From JVBI Ladnun. |
गणाधिपति परम पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी के पावन सान्निध्य में परम पूज्य गुरूदेव आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के वरदहस्त से सन 1995 में दीक्षित मुनि श्री पुलकित कुमार जी ने "भारतीय दर्शन में अपरिग्रह की अवधारणा : एक अध्ययन" विषय पर जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय, लाडनूं से पीएचडी (डॉक्टरेट) की उपाधि प्राप्त की है ।
परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी की आज्ञा एवं आशीर्वाद से आपने इस विषय पर शोध एवं अध्ययन वर्ष 2016 में शुरू किया था। डॉ. आनंदप्रकाश त्रिपाठी आपके शोध निर्देशक थे ।
आप "शासनस्तंभ" मंत्री मुनि श्री सुमेरमल जी स्वामी की सेवा में 21 वर्ष रहे । आपने मंत्री मुनिश्री के सान्निध्य में जैन बत्तीस आगमों का गहन अध्ययन किया । आप वर्तमान में मुनि श्री उदितकुमार जी के साथ जलगांव, महाराष्ट्र में चातुर्मास हेतु बिराजित है । ज्ञात रहे हाल ही में मुनिश्री ने संयम पर्याय के 25 वर्ष भी पूर्ण किये है ।
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