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आचार्य श्री महाश्रमण जी के सानिध्य में 157 वें रायपुर मर्यादा महोत्सव का प्रथम दिवस


 💢 157वें मर्यादा महोत्सव रायपुर, छत्तीसगढ़ प्रांगण में तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी का पदार्पण

💠 नमस्कार महामन्त्र के उच्चारण के साथ रायपुर धरा पर 157 वें मर्यादा महोत्सव का हुआ भव्य आगाज


💢 मर्यादा पुरुषोत्तम आचार्य प्रवर द्वारा मर्यादा पत्र की स्थापना एवं मर्यादा महोत्सव के शुभारम्भ की घोषणा


💢 मुनि श्री दिनेशकुमार जी द्वारा घोष

"भिखण जी स्वामी भारी मर्यादा बांधी संघ में"

मर्यादा गीत का संगान

💠 उपासक श्रेणी द्वारा 157वें मर्यादा महोत्सव पर सामूहिक गीत का संगान


💢 मुख्य नियोजिका साध्वी श्री विश्रुतविभा जी ने 157वें मर्यादा महोत्सव पर फ़रमाया

वैय्यावृत्य का ही दूसरा नाम - सेवा

तीन प्रकार की सेवा -
1) व्यवस्थागत जो सेवा केंद्र में की जाती है
2) सापेक्ष सेवा जो कि सिंघाड़े/साझ की सेवा है
3) निष्काम सेवा जो कि केवल व्यक्ति निर्जरा के भावना से करता है। 

👉🏻 - मुख्य नियोजिका साध्वी श्री विश्रुतविभाजी


💢 मर्यादा महोत्सव के प्रथम दिवस साध्वी वृंद द्वारा सेवा केंद्र में सेवा हेतु गुरुदेव से प्रार्थना

💠 साध्वी श्री जिनप्रभाजी ने पूज्य प्रवर से किया निवेदन


💢 मर्यादा महोत्सव के प्रथम दिवस साधु समाज द्वारा सेवा केंद्र में सेवा हेतु गुरुदेव से प्रार्थना

💠 मुनि श्री कुमार श्रमण जी ने पूज्य प्रवर से किया निवेदन


157वें मर्यादा महोत्सव के प्रथम दिवस की लाइव अपडेट - रायपुर से

संघ रूपी माला में सेवा वह धागा है जो मणके रूपी सदस्यों को जोड़े रखता है : परमपूज्य आचार्य श्री महाश्रमण


पुज्य प्रवर द्वारा सेवाकेन्द्रों पर की सेवार्थियों की नियुक्ति

सतियों के सेवा केंद्र
लाडनूं :- साध्वी श्री प्रज्ञावती जी 

बीदासर :- साध्वी श्री कार्तिकयशा जी 

श्रीडूंगरगढ़ :- साध्वी श्री गुप्तिप्रभा जी एवं साध्वी श्री परमयशा जी 

गंगाशहर :- साध्वी श्री पावनप्रभा जी 

उपसेवा केंद्र हिसार :- साध्वी श्री क़ुंदनरेखा जी 

संतो के सेवा केंद्र

जैन विश्व भारती, लाडनूं :- मुनि श्री अमृत  कुमार जी 

छापर :- मुनि श्री पृथ्वीराज जी जसोल


💢 157वें मर्यादा महोत्सव तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के सान्निध्य में आज की विशेष झलकियाँ

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