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दृष्टिकोण हो उदारवादी – आचार्य महाश्रमण


11.02.2023,  शनिवार, बूगांव –जसवंतपुरा, जालौर (राजस्थान), जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी जालोर जिले को पावन बनाते हुए निरंतर जनकल्याण हेतु प्रवर्धमान है। आज पूज्य गुरुदेव का बूगांव, जसवंतपुरा में पदार्पण हुआ। प्रातःकाल शांतिदूत ने सिकवाड़ा ग्राम से मंगल विहार किया। ग्राम वासियों को पावन आशीर्वाद प्रदान करते हुए आचार्यप्रवर गंतव्य की ओर प्रस्थित हुए। आबू रोड की ओर अग्रसर गुरुदेव लगभग 10 किलोमीटर का विहार कर बूगांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रवास हेतु पधारे। इस दौरान विद्यालय के विद्यार्थियों ने शांतिदूत का जय जय ज्योतिचरण जय जय महाश्रमण के जयघोषों से स्वागत किया। 


मंगल प्रवचन में आचार्य प्रवर ने कहा – एक दृष्टि से मानव जाति एक है व नय की दृष्टि से पूरा विश्व व प्राणी मात्र एक है। अपना–पराया व तेरा–मेरा का विचार संकीर्णता का विचार है पर अकीर्णता की दृष्टि से पूरा विश्व एक है। इस चिंतन के साथ व्यक्ति को सबके साथ एकता से रहने का प्रयास करना चाहिए। जहा ममत्व होता है वहा तेरा-मेरा की बात होती है। कुछ व्यक्तियों की सोच मेरा सो मेरा व तेरा भी मेरा वाली होती है। किन्तु उदार दृष्टि वाले सोचते हैं मेरा वो तेरा व तेरा भी तेरा। व्यक्ति का चिंतन उदार दृष्टिकोण उत्तम होता है।


गुरुदेव ने आगे कहा कि वैराग्य दृष्टि वाले सोचते हैं की मेरा कुछ नहीं। अतः मन में किसी के प्रति भी घृणा व नफरत का भाव नहीं रखना चाहिए। सबके साथ मित्रता के भाव रहे। अनंतानुबंधी क्रोध, मान, माया व लोभ सम्यक्त्व में बाधक होते है। कोई अँधा व्यक्ति सूर्य को नहीं मानता किंतु यदि उसे समझा दिया जाय तो वह मान भी सकता है। बाहर का चक्षु-दान भी चलता है, लेकिन भीतर की आँख व दृष्टि दे देना बड़ी बात होती है। ज्ञान दान आत्म-कल्याण में बड़ा सहायक होता है। जैन धर्म के सिद्धांत अनुसार तीर्थंकर धर्म के अधिकृत प्रवक्ता होते है। वे दूसरों को दृष्टि देते हैं, यथार्थ का ज्ञान व त्याग की प्रेरणा भी। हम अज्ञानता से ज्ञान की दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करे यह काम्य है। 


गुरुदेव की प्रेरणा से उपस्थित विद्यार्थियों एवं ग्राम वासियों ने संकल्पत्रयी को स्वीकार कर नशामुक्ति का संकल्प लिया। 

स्वागत के क्रम में जसवंतपुरा के एसडीएम श्री रविन्द्र कुमार चांदावत, विद्यालय के प्रिंसिपल राजेंद्र कुमार जी ने शांतिदूत के प्रति वक्तव्य द्वारा अभिवंदना की।

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