भीलवाड़ा, 17 अक्टूबर 2021, अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में आज अणुविभा द्वारा आयोजित दो दिवसीय अणुव्रत लेखक संगोष्ठी का शुभारम्भ हुआ। इस संगोष्ठी में देश के प्रतिष्ठित लेखक, साहित्यकार एवं पत्रकार भाग ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध चिन्तक व पत्रकार श्री वेदप्रताप वैदिक ने कहा आचार प्रधानता अणुव्रत दर्शन की धुरी है। यह जाति धर्म की सीमाओं से परे मानव धर्म की बात करता है। इसीलिए आचार्य तुलसी द्वारा प्रवर्तित यह आन्दोलन अपनी प्रभावशीलता को कायम रखे हुए हैं।
उद्घाटन सत्र में प्रेरणा देते हुए मुनि श्री उदितकुमार जी ने कहा कि लेखक समाज में व्याप्त समस्याओं को उठाने मात्र से अपने कर्त्तव्य की इतिश्री न समझें बल्कि समस्याओं का समाधान भी प्रस्तुत करें।
अणुव्रत के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि श्री मननकुमार जी ने कहा कि अणुव्रत दर्शन के मूल सूत्र सहिष्णुता, समता, सहनशीलता और अहिंसा के साथ साथ प्रामाणिकता को महत्त्व देते हैं। लेखक अपनी कलम से विषम परिस्थितियों में भी सकारात्मकता की मशाल को जलाए रखें यह आवश्यक है।
आयोजक संस्था अणुविभा के अध्यक्ष श्री संचय जैन ने बताया कि देश भर में हजारों अणुव्रत कार्यकर्ता विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से जीवन के हर पक्ष को सकारात्मक दिशा में गति देने हेतु उद्यत हैं। लेखनी की ताकत इसके साथ जुड़ने से इस अभियान को ताकत मिली है।
प्रथम सत्र में श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, श्री शशिकांत जी, श्री अनिलदत्त मिश्रा, श्री ब्रजेन्द्र त्रिपाठी, श्री प्रणयकुमार जी, श्री बुद्धिनाथ मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किए।
द्वितीय सत्र साध्वी प्रमुखा श्री कनकप्रभा जी के सान्निध्य में आयोजित हुआ। साध्वी प्रमुखा श्री ने अणुव्रत की उपादेयता और प्रासंगिकता को व्याख्यायित करते हुए कहा कि संयम की आज विश्व को आवश्यकता है जिसकी बात अणुव्रत करता है।इसमें संत और लेखक की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।अणुव्रत लेखक मंच इस दिशा में बड़ी भूमिका निभाने के लिए निरन्तर प्रयासरत रहे यह अपेक्षित है।
साध्वी नियोजिका साध्वी श्री विश्रुत विभा जी ने अपने वक्तव्य में भगवान महावीर के दर्शन की चर्चा करते हुए कहा कि आज दुनिया में हिंसा, नफरत और असहिष्णुता के चंगुल से बाहर निकालने के लिए अहिंसा परिग्रह और अनेकान्त के सूत्र को अपनाना होगा।
इस सत्र में अणुव्रत लेखक पुरस्कार 2021 से सम्मानित होने वाले श्री वेदप्रताप वैदिक और अणुव्रत लेखक पुरस्कार 2020 से सम्मानित होने वाले श्री फारूक आफरीदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सांयकालीन सत्र वरिष्ठ साहित्यकार श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। जिसमें कवयित्री ममता वाजपेयी के साथ ही श्री रामस्वरूप रावत, श्री सत्यनारायण जी, श्री राजकुमार जैन, डॉ. राजमती सुराणा, श्री नरेन्द्र शर्मा, श्रीमती कुसुम जी, श्री अब्दुल जब्बार आदि ने सम्बोधित किया।
विभिन्न सत्रों का संयोजन अणुव्रत लेखक मंच के संयोजक श्री ललित गर्ग एवं सह संयोजक श्री रजनीकांत शुक्ल ने किया।
अणुव्रत समिति भीलवाड़ा अध्यक्षा श्रीमती आनंदबाला ने स्वागत व समिति कार्यकर्त्ताओं ने अणुव्रत गीत प्रस्तुत किया। आभार ज्ञापन अणुविभा के राजस्थान प्रभारी अभिषेक कोठारी ने किया।
सभी सम्भागी साहित्यकारों का अणुविभा अध्यक्ष श्री संचय जैन, उपाध्यक्ष श्री अशोक डूंगरवाल, न्यासी श्री पंचशील जैन आदि ने साहित्य भेंट व अंगवस्त्र द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया।
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