Top Ads

मंत्र का जीवन व्यवहार में उपयोग


तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम : संबोध कार्यशाला 

नई दिल्ली, 31 अगस्त, 2014 अध्यातम साधना केंद्र, महरौली के महाश्रमण सदन में तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम दिल्ली द्वारा आयोजित की जाने वाली साप्ताहिक कार्यशाला संबोध का इस रविवार का विषय रहा- मंत्र का जीवन व्यवहार में उपयोग।

मन्त्र विद्या के ज्ञाता मुनि श्री जय कुमार जी ने प्रस्तुत विषय पर अपने विचारो की अभिव्यक्ति के माध्यम से उपस्थित सदस्यों को जीवन में मंत्रो के उपयोग के बारे में बताते हुए फ़रमाया कि मंत्रो को समझना बहुत जरूरी है। मंत्र कोई चमत्कार नहीं है। मंत्रो को हम शब्दों में नही बाँध सकते। ऐसा कोई अक्षर नही जो मन्त्र नहीं है। मंत्र अपने आप में एक योजना है। योजना के द्वारा हम मंत्र, तंत्र, यंत्र यहाँ तक कि षड्यंत्र को भी समझ सकते है।

3 सूत्रों के माध्यम से हम मंत्रो की साधना करते हुए उन्हें सिद्ध करने का प्रयास कर सकते है-

1) श्रद्धा: मंत्र की सिद्धी के लिए आवश्यक है मंत्र और मंत्र्दाता के प्रति श्रद्धा का होना। गुरु के मुख से निकला हुआ शब्द भी हार्मोन्स को प्रभावित करता है। आस्था, विश्वास और समर्पण के बिना मंत्र केवल शब्द है।

2) एकात्मकता: मन, वचन और काया का मन्त्र के साथ जुड़ना बहुत जरूरी है। मन न भी लगे तो काया की स्थिरता के साथ होठो से मन्त्र कर सकते है। शरीर व वचन की स्थिरता के बाद मन स्वयं ही स्थिर हो जाएगा। मन से पहले शरीर को जीतना आवश्यक है। शरीर को सिद्ध करे। काय गुप्ति का अभ्यास जरूरी है।

3) लयबद्धता: मंत्रो के उच्चारण में लयबद्धता/शुद्धता का होना जरूरी है।
आभा मंडल शुद्ध हो, निर्मल हो, पवित्र हो तो समस्याए दूर हो जाएगी।

मन्त्र उच्चारण के समय ध्यान रखने योग्य कुछ आवश्यक बातें इस प्रकार है:
* एकाग्रता के साथ मन्त्र जप करे।
* शुद्धता और स्थान का भी महत्व है।
* उदेश्य तक पहुँचने के लिए शुद्ध लक्ष्य का निर्धारण जरूरी है।
* एक ही स्थान व एक ही समय पर मन्त्र जप का विशेष महत्व है।

इस प्रकार इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अगर हम मन्त्र साधना करते है तो अवश्य ही मन्त्र साधना जीवन व्यवहार में उपयोगी होगी। आयोजित कार्यशाला में करीब 70 सदस्यों ने अपनी सहभागिता दर्ज की।


विगत वर्ष 2012-14 के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय धारीवाल एवं आगामी वर्ष 2014-16 के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सलिल लोढ़ा भी विशेष रूप से कार्यशाला में उपस्थित रहे।

जैन तेरापंथ न्यूज़ के लिए दिव्या जैन , विनीत मालू की रिपोर्ट