ॐ अ .भी .रा .शि. को .नमः
तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला (28) दिनांक 17 मई 2020
श्रृंखला (28) दिनांक 17 मई 2020
सब दुख भंजन -भीम
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धर्मोद्योम - सेवा में जुड़े यह शब्द कुछ रहस्य छुपाये हुए हैं। गहरे पानी में उतरने का संकेत दे रहा है । युवाचार्य श्री उस शक्ति- पीठ का एहसास यों भी भि. गु . ढ़ा. 4/6 में करते से लगते हैं ।
"भीम सरीखा सिख सुखकारी , अमीचंद तपधारी
भाव उद्योत भरत में कीधो, उद्यमी अधिक उदारी "
तपस्वी भीम जी जैसे सुखकारी शिष्य और अमीचंद जी जैसे तपधारी मुनि भरत क्षेत्र में आभ्यंतर प्रकाश करने अत्यंत उदार -वरैण्य और सजग प्रयत्नशील -परिश्रमी है।
" ॐ अर्हम "
महा तपस्वी मुनि श्री भीम जी स्वामी के बारे में जयाचार्य श्री आगे और क्या लिखते हैं जानने के लिए अगली पोस्ट में .......
क्रमशः.....
👉🏻मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक "जय जय जय महाराज" से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
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