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तपस्वी मुनि श्री रामसुख जी स्वामी जीवन परिचय श्रृंखला 13

ॐ  अ .भी .रा .शि.  को .नमः

तपस्वी मुनि श्री रामसुख जी स्वामी जीवन परिचय
श्रृंखला (13) दिनांक 2 जून 2020


राम -रसायण रामसुख
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सर्दी के दिनों में उपवास तप के साथ - शीतक - तप बढ़ा देते । उन सर्द रातों में उन्होंने छव वर्षों तक एक अधोवस्त्र के अतिरिक्त कोई कपड़ा नहीं ओढा़ । गर्मी में उपवास एकांतर -तप के साथ सूर्य तापी- आतापना (गर्म शिला पर लेट कर ) लेते ।  जयाचार्य श्री ने राम ढा़. 1-37 और 2-12 में लिखा -

'षट् सियाला सी-खम्यो ,पछेवड़ी नो परिहार

 एक चोलपटा रा आधार स्यूं , कष्ट सहयो तिणवार ।

" ॐ अर्हम "

महातपस्वी मुनि श्री रामसुख जी स्वामी के तपोमय  जीवन के बारे में  और अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिये ! जीवन परिचय की क्रमबद्ध श्रंखला .......... राम- रसायण  रामसुख  !
क्रमशः.....

👉🏻शासन समुद्र " एवं "जय जय जय महाराज" पुस्तक से साभार🙏🙏
लिखने में किसी भी प्रकार की त्रुटि रही हो तो मिच्छामि दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻

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प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज

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